Mirza Ghalib Two line Shayari poetry in Hindi

 Mirza Ghalib Two line Shayari poetry in Hindi

#MirzaGhalib ki Two line #Shayari  #poetry in Hindi

Ha "Asar" sach h ki sab wade h uske jhuthe,
Kuch ajab lutf h ruk ruk ke kasme khane mein.

Nikalna khuld se aadam ko sunte aaye the lekin,
bahut beaabru hokar tere kuche se ham nikle.

Mein bulata to hu unko magar aye jajb-e-dil,
unn pe ban jaye kuch aisi ki ban aaye n bane.

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और बाज़ार से ले आये अग़र टूट गया
सागर-ए-जम से मेरा जाम-ए-सिफ़ाल अच्छा है।

उनके देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है।

देखिये पाते हैं उश्शाक़ बुतों से क्या फ़ैज़
इक बिराहमन ने कहा है के ये साल अच्छा है।

हमको मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन
दिल के खुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख्य़ाल अच्छा है।

[सागर-ए-जम: बादशाह जमशेद का प्याला;
जाम-ए-सिफ़ाल: मिट्टी का प्याला;
उश्शाक़: आशिक़; फैज़: मुनाफ़ा, लाभ]


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